Stellar Drive Monitor
Stellar Drive Monitor
सोर्स डिस्क से टारगेट डिस्क पर कम्पलीट डेटा को कॉपी करने के प्रोसेस को डिस्क क्लोनिंग कहते हैं। क्लोनिंग प्रोसेस में सोर्स डिस्क के डेटा की हर एक डिटेल्स टारगेट डिस्क में कॉपी होती है। इस प्रोसेस में सोर्स डिस्क का डेटा टारगेट डिस्क के डेटा को ओवर राइट कर देता है। टारगेट डिस्क पर सोर्स डिस्क का क्लोन बनने के बाद, ओवर राइट डेटा को रिकवर नहीं किया जा सकता है।
नोट: यदि आपके कंप्यूटर में कई हार्ड डिस्क कनेक्टेड हैं, तो आप यूजर इंटरफेस के ड्रॉप-डाउन लिस्ट से डिसायरड ड्राइव को सलेक्ट कर सकते हैं।
Stellar Drive Monitor चलाएँ ।
यूजर इंटरफ़ेस के लेफ्ट साइड से क्लोन डिस्क को सलेक्ट करें ।
ड्रॉप -डाउन लिस्ट से सोर्स डिस्क को सलेक्ट करें।
नोट:
सोर्स डिस्क और टारगेट डिस्क एक नहीं होनी चाहिए।
यदि टारगेट डिस्क का साइज सोर्स डिस्क से छोटा या उसके बराबर है , तो "डेस्टिनेशन डिस्क का साइज सोर्स डिस्क से छोटा है। दूसरी डेस्टिनेशन डिस्क सलेक्ट करें" संदेश के साथ एक डायलॉग बॉक्स डिस्प्ले होता है।
डिस्क सलेक्ट करने के बाद, सोर्स डिस्क की डिटेल्स डिस्प्ले होती है।
ड्रॉप-डाउन लिस्ट से टारगेट डिस्क को सलेक्ट करें ।
डिस्क सलेक्ट करने के बाद, टारगेट डिस्क की डिटेल्स डिस्प्ले होती है।
क्लोनिंग प्रोसेस शुरू करने के लिए क्लोन पर क्लिक करें।
एक चेतावनी संदेश डिस्प्ले होता है। क्लोनिंग प्रोसेस शुरू करने के लिए स्टार्ट पर क्लिक करें, अन्यथा, कैंसल पर क्लिक करें।
नोट : क्लोनिंग में लग चूका सयम और शेष लगने वाला समय विंडो के राइट साइड में डिस्प्ले होता है।
सावधानी : क्लोनिंग के दौरान टारगेट डिस्क का डेटा नष्ट हो जाएगा और इसे फिर कभी भी रिकवर नहीं किया जा सकता है।
टिप : टारगेट डिस्क की क्षमता सोर्स डिस्क से अधिक होनी चाहिए क्योंकि डिस्क की शुरुआत से ही ओवरराइटिंग की जाती है।